कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ
+ अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, भारत, इज़राइल, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया, ताइवान

जी7 (कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका) लोकतांत्रिक राष्ट्रों का एक समूह है जो हर साल एकत्रित हो वैश्विक आर्थिक नीति का समन्वय और अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करते हैं।

हमने 7 और ऐसे देशों को जोड़ा है जो अपने अंग प्रत्यारोपण की बड़ी संख्या, जनसंख्या आकार, भू-राजनीतिक स्थिति, या अंग तस्करी से संपर्क के कारण विशेष हैं।

हम लगभग 20 वर्षों से, विभिन्न संगठनों को जबरन अंग हरण (FOH) के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिसमें संयुक्त राष्ट्र, चिकित्सा और कानूनी संगठन, गैर-सरकारी संगठन और शैक्षिक संस्थान शामिल हैं, और विश्व भर में कानून संशोधन के लिए दबाव डाला है।

अब हम संप्रभु राष्ट्रों की कार्यपालिका शाखाओं से अपील कर रहे हैं कि वे मिलकर यह स्वीकार करें कि चीन में हो रहा जबरन अंग हरण मानवता के खिलाफ एक अपराध है, वैश्विक स्तर पर नैतिक चिकित्सा के लिए खतरा है, और यह की उनकी वैश्विक नेताओं के रूप में एक नैतिक जिम्मेदारी बनती है की वह हस्तक्षेप कर इस अत्याचार को रोकने में सहायता करें।

      1. कदम उठायें, जिससे नागरिकों को सूचित किया जा सके और उन्हें PRC में अंग प्रत्यारोपण करवाके, या चिकित्सा अभ्यास, अनुसंधान और प्रशिक्षण के माध्यम से जबरन अंग हरण में संलिप्त होने से बचाया जा सके।

      2. PRC के साथ अंग प्रत्यारोपण से संबंधित अभ्यास, अनुसंधान या प्रशिक्षण का कोई आदान-प्रदान न करें जब तक कि वे यह प्रमाण न दे कि धार्मिक बन्दीयों से जबरन अंग हरण बंद हो गया है, और इसकी स्वतंत्र, अप्रत्याशित जांच द्वारा पुष्टि होनी चाहिए।

      3. PRC द्वारा जबरन अंग हरण के संबंध में वार्षिक संसदीय सुनवाई आरंभ करें तथा गवाहों और विशेषज्ञों के बयान सहित वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

      4. जांच शुरू करें, ताकि फालुन गोंग साधकों, उइगरों और अन्य पीड़ितों के खिलाफ नरसंहार अभिसमय (Genocide Convention) के प्रावधानों के विपरीत किए गए किसी भी कृत्य के लिए जवाबदेही निर्धारित हो सके।